सिर्फ वसीयत से नहीं मिलेगा मालिकाना हक! जानिए कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी हैं Will Ownership Rules

By Prerna Gupta

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Will Ownership Rules

Will Ownership Rules – हम भारतीयों में एक आम सोच है कि अगर किसी ने अपने नाम वसीयत लिख दी, तो अब वो प्रॉपर्टी हमारी हो गई। लेकिन हकीकत इससे काफी अलग है। सिर्फ वसीयत हाथ में होने से कोई किसी प्रॉपर्टी का कानूनी मालिक नहीं बन जाता। इसके लिए कुछ और जरूरी कानूनी प्रोसेस और डॉक्युमेंट्स की जरूरत होती है, जिनके बिना आप सिर्फ दावे कर सकते हैं, हक नहीं पा सकते।

तो आइए, आज आपको समझाते हैं कि वसीयत के साथ-साथ किन जरूरी बातों का ध्यान रखना होता है ताकि आप कानूनी तौर पर किसी संपत्ति के असली मालिक बन सकें।

सबसे पहले समझिए – वसीयत क्या होती है?

वसीयत एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसमें कोई व्यक्ति अपनी मौत के बाद अपनी संपत्ति किसे और कैसे देना चाहता है, ये लिखकर तय करता है। अब ये दस्तावेज तभी काम का होता है जब:

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  • वो सही तरीके से लिखा गया हो
  • उस पर गवाहों के दस्तखत हों
  • उसे कोर्ट में मान्यता (probate) मिली हो

सिर्फ वसीयत काफी क्यों नहीं?

अब सवाल उठता है कि जब वसीयत लिख दी गई है, तो दिक्कत क्या है? दरअसल दिक्कत ये है कि:

  • वसीयत को अदालत से प्रमाणित कराना जरूरी होता है
  • कोई भी अन्य वारिस इस वसीयत को कोर्ट में चुनौती दे सकता है
  • प्रॉपर्टी के सरकारी रिकॉर्ड में नाम तब तक नहीं बदलेगा जब तक mutation ना कराया जाए

मतलब साफ है कि सिर्फ वसीयत दिखाकर कोई मालिक नहीं बन सकता।

असली मालिक बनने के लिए क्या करना होगा?

अब जानते हैं कि वसीयत मिलने के बाद असली मालिक बनने के लिए आपको कौन-कौन सी प्रक्रिया पूरी करनी होगी:

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1. वसीयत का Probate लेना

Probate मतलब कोर्ट से वसीयत की कानूनी मान्यता। ये प्रक्रिया मेट्रो सिटी में अनिवार्य है। इसके बिना आप न तो प्रॉपर्टी बेच सकते हैं और न ही सरकारी कागजों में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं।

2. Succession Certificate बनवाना

अगर वसीयत नहीं है या उस पर विवाद है, तो उत्तराधिकार प्रमाणपत्र यानी Succession Certificate जरूरी होता है। खासतौर पर बैंक अकाउंट, म्यूचुअल फंड, शेयर आदि क्लेम करने में ये काम आता है।

3. अन्य वारिसों की सहमति लेना

अगर प्रॉपर्टी में और भी लोग दावेदार हैं, तो उनकी लिखित सहमति जरूरी होती है। बिना सहमति के आपका मालिकाना हक कोर्ट में अटक सकता है।

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4. Mutation कराना

Mutation यानी सरकारी रिकॉर्ड में मालिक का नाम बदलवाना। इसके बिना:

  • आप बिजली पानी का नाम ट्रांसफर नहीं करा सकते
  • लोन लेना मुश्किल हो जाता है
  • प्रॉपर्टी बेचना भी रुक जाता है

Mutation तहसील, नगर निगम या पंचायत कार्यालय में कराया जाता है।

किन डॉक्युमेंट्स की जरूरत होगी?

  • वसीयत की कॉपी
  • मृत्यु प्रमाणपत्र (जिसने वसीयत लिखी उसकी)
  • आधार या पैन कार्ड
  • प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री
  • अन्य कानूनी वारिसों की जानकारी

अगर वसीयत पर विवाद हो जाए तो?

विवाद की स्थिति में मामला कोर्ट में जाएगा। वहाँ आपको साबित करना होगा कि वसीयत असली है, दबाव में नहीं लिखी गई, और कानून के अनुसार तैयार की गई है। इस केस में काफी वक्त और पैसा लग सकता है।

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तो दोस्तों, सिर्फ वसीयत होने से ही आप प्रॉपर्टी के मालिक नहीं बन जाते। आपको कानूनी तौर पर कुछ जरूरी कदम उठाने होते हैं – जैसे probate कराना, mutation कराना, वारिसों की सहमति लेना और जरूरी दस्तावेज पूरे करना। अगर आप इन बातों का ध्यान रखते हैं, तो प्रॉपर्टी पर आपका हक पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा।

किसी भी झंझट से बचने के लिए बेहतर होगा कि आप किसी कानूनी सलाहकार से सलाह लेकर ही आगे का प्रोसेस शुरू करें।

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