Anganwadi Workers Salary Hike – राजस्थान की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए एक राहतभरी खबर सामने आई है। सरकार ने उनके मानदेय यानी सैलरी में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है। यह फैसला राजस्थान की उपमुख्यमंत्री और महिला एवं बाल विकास मंत्री दीया कुमारी की अध्यक्षता में हुई विभागीय समीक्षा बैठक में लिया गया, जिससे हजारों आंगनबाड़ी वर्कर्स को बड़ा फायदा मिलेगा।
क्यों खास है ये फैसला?
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सिर्फ बच्चों की देखभाल नहीं करतीं, बल्कि समय-समय पर उन्हें सरकार के अन्य कामों में भी लगाया जाता है। कभी उन्हें जनगणना में लगाया जाता है, तो कभी स्वास्थ्य सर्वे और कभी-कभी तो गांव स्तर पर VLO (Village Level Officer) का काम भी सौंप दिया जाता है। ऐसे में लंबे समय से वे अपनी मेहनत के हिसाब से सैलरी बढ़ाने की मांग कर रही थीं।
कितना बढ़ा मानदेय?
राजस्थान सरकार ने साफ कर दिया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में 10 प्रतिशत की सीधी बढ़ोतरी की जा रही है। यानी जो भी मौजूदा सैलरी मिल रही थी, उसमें अब सीधा 10 फीसदी जोड़कर उन्हें नया वेतन मिलेगा। इस फैसले से राज्य की हजारों महिलाओं को राहत मिलेगी, जो दिन-रात बच्चों की देखभाल और सरकारी योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने का काम करती हैं।
बैठक में और क्या-क्या फैसले लिए गए?
सिर्फ सैलरी बढ़ाने का ही नहीं, बल्कि आंगनबाड़ी सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने को लेकर भी कई अहम निर्णय लिए गए। इनमें से कुछ मुख्य बातें ये हैं:
- आंगनबाड़ी भवनों की मरम्मत के लिए सरकार ने 50 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है।
- राज्य में मौजूद 3,688 आंगनबाड़ी भवनों की मरम्मत के लिए समग्र शिक्षा अभियान के साथ मिलकर काम किया जाएगा।
- ‘अमृत आहार योजना’ के तहत बच्चों को मिलने वाले दूध की मात्रा बढ़ाई जाएगी, जो सप्ताह में 5 दिन दिया जाता है। यह कदम कुपोषण से लड़ने की दिशा में अहम साबित हो सकता है।
- ‘न्यूट्रि-किट योजना’ को ज्यादा प्रभावी ढंग से लागू करने पर जोर दिया गया, जिससे कुपोषित बच्चों को पोषण सामग्री नियमित रूप से मिल सके।
किन योजनाओं की हुई समीक्षा?
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने महिला और बाल विकास से जुड़ी कई प्रमुख योजनाओं की प्रगति और असर की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को समयबद्ध क्रियान्वयन के निर्देश दिए। इनमें शामिल हैं:
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (गौरतलब है कि इस योजना में राजस्थान ने देशभर में पहला स्थान हासिल किया है)
- पोषण ट्रैकर
- हाई-प्रोफाइल आंगनबाड़ी
- सखी केंद्र
- उड़ान योजना
- नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना
- कौशल सामर्थ्य योजना
- मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना
लंबे समय से चल रही थी सैलरी बढ़ाने की मांग
राजस्थान की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सैलरी को लेकर कई महीनों से आंदोलन चल रहा था। उनका कहना था कि सरकार उनसे तमाम काम करवा रही है लेकिन वेतन उतना नहीं है, जिससे वे अपने परिवार का सही ढंग से पालन-पोषण कर सकें। उनके इस आंदोलन का असर आखिरकार सरकार पर पड़ा और मानदेय में बढ़ोतरी को हरी झंडी मिल गई।
अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल
राजस्थान सरकार का यह फैसला दूसरे राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है। अगर अन्य राज्य भी अपने यहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के काम को महत्व देंगे और उनके मानदेय में सुधार करेंगे, तो महिलाओं को न केवल आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरणा मिलेगी, बल्कि बाल पोषण और स्वास्थ्य के स्तर पर भी बेहतर नतीजे देखने को मिलेंगे।
राजस्थान सरकार का यह कदम आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए एक बहुत बड़ी राहत है। लंबे समय से वे जो मेहनत कर रही थीं, उसका उन्हें अब आर्थिक रूप से भी फल मिलेगा। साथ ही, आंगनबाड़ी भवनों की मरम्मत और पोषण योजनाओं को लेकर जो फैसले लिए गए हैं, वे बच्चों के पोषण और शिक्षा के स्तर को सुधारने में अहम भूमिका निभाएंगे।
अब उम्मीद है कि सरकार समय-समय पर इन कार्यकर्ताओं की स्थिति को और बेहतर बनाने की दिशा में ऐसे और भी कदम उठाएगी। और बाकी राज्यों को भी इससे सीख लेनी चाहिए कि जो महिलाएं जमीनी स्तर पर सबसे अहम काम कर रही हैं, उन्हें सम्मान और उचित भुगतान मिलना बेहद जरूरी है।