अचल संपत्ति पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, अब इन लोगों से छिन सकता है प्रॉपर्टी का मालिकाना हक Supreme Court Property Judgment

By Prerna Gupta

Published On:

Supreme Court Property Judgment

Supreme Court Property Judgment – भारत में जमीन-जायदाद को लेकर झगड़े हमेशा से आम बात रहे हैं। चाहे वो पारिवारिक हो या बाहरी, संपत्ति के मामले सालों-साल कोर्ट में लटके रहते हैं। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसा बड़ा फैसला सुनाया है जिसने कई लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। अगर आप भी किसी जमीन या मकान पर मालिकाना हक का दावा कर रहे हैं, तो अब सिर्फ कहने से नहीं चलेगा, पक्के दस्तावेज दिखाने होंगे। वरना मालिकाना हक हाथ से जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि अब से किसी भी व्यक्ति को तब तक संपत्ति का मालिक नहीं माना जाएगा, जब तक वो कानूनी और वैध दस्तावेज पेश नहीं करता। जो लोग सिर्फ कब्जा करके बैठे हैं या जिनके पास अधूरे या झोल वाले कागज हैं, उनके लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कोर्ट का कहना है कि अब से किसी भी फर्जी या कमजोर डॉक्यूमेंट्स पर भरोसा नहीं किया जाएगा।

किन लोगों को हो सकता है नुकसान?

इस फैसले का सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा:

यह भी पढ़े:
PNB Bank Rules PNB ग्राहकों के लिए खुशखबरी! अब नहीं कटेगा चार्ज मिनिमम बैलेंस पर – जानिए नया नियम PNB Bank Rules
  • जिनकी प्रॉपर्टी के कागजात अधूरे हैं
  • जिनके नाम पर रजिस्ट्री या म्युटेशन नहीं हुआ है
  • जो बिना कागजों के पैतृक संपत्ति पर कब्जा किए बैठे हैं
  • जो पुराने रिकॉर्ड के भरोसे बैठे हैं लेकिन उनका कोई अपडेटेड दस्तावेज नहीं है

अब कोर्ट ने कह दिया है कि सिर्फ कब्जा या कहानियों से कुछ नहीं होगा, ठोस सबूत दिखाओ वरना मालिकाना हक खत्म।

प्रॉपर्टी के लिए कौन से दस्तावेज जरूरी हैं?

अगर आप वाकई चाहते हैं कि आपकी संपत्ति सुरक्षित रहे और भविष्य में कोई विवाद न हो तो ये दस्तावेज होने जरूरी हैं:

  • सेल डीड (बिक्री पत्र) – जमीन खरीदने-बेचने का मूल सबूत
  • म्युटेशन सर्टिफिकेट – जमीन का नाम आपके नाम पर ट्रांसफर हुआ या नहीं
  • खतौनी/खसरा नंबर – सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज जमीन की डीटेल
  • बिजली-पानी के बिल – आपके नाम पर हैं या नहीं
  • प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद – आप टैक्स भर रहे हैं या नहीं

इनमें से किसी भी डॉक्यूमेंट की गड़बड़ी से आपका दावा कमजोर पड़ सकता है।

यह भी पढ़े:
DA Hike Update ₹51,480 हो सकती है न्यूनतम सैलरी! नए पे कमीशन से सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत DA Hike Update

पैतृक संपत्ति में भी बड़ा असर

जो लोग अपने दादा-परदादा की जमीन पर बैठे हैं लेकिन उनके पास कोई वैध कागज नहीं है, उन्हें भी अब सतर्क हो जाना चाहिए। भाई-बहन, रिश्तेदार या अन्य परिजन अगर हिस्सेदारी मांग रहे हैं और उनके पास वैध कागज हैं तो कोर्ट अब उन्हीं की सुनेगा। अब ये कहने से काम नहीं चलेगा कि “हम तो बचपन से यही रह रहे हैं।”

क्यों जरूरी था कोर्ट का ये फैसला?

देशभर में हजारों ऐसे केस कोर्ट में पड़े हैं जिनमें किसी ने फर्जी दस्तावेज बनवाकर किसी और की जमीन कब्जा कर ली। असली मालिक को सालों तक कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते हैं और अंत में हार भी जाते हैं। इसी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया है कि अब सिर्फ सच्चे और मजबूत कागजों को ही मान्यता दी जाएगी।

फर्जीवाड़ा करने वालों के लिए खतरे की घंटी

जो लोग किसी और की जमीन पर बैठे हैं या फर्जी पेपर बनवाकर मालिक बन गए हैं, उनके लिए अब कोर्ट का रुख सख्त हो गया है। इस फैसले से साफ हो गया है कि बेईमानी करके जमीन हड़पने वालों की अब खैर नहीं।

यह भी पढ़े:
NEET UG Counselling Stay Big News नीट यूजी काउंसलिंग पर हाईकोर्ट की रोक! मेडिकल छात्रों के लिए बड़ी खबर NEET UG Counselling Stay Big News

क्या करना चाहिए?

अगर आपकी कोई प्रॉपर्टी है, चाहे खरीदी हुई हो या विरासत में मिली हो, तो आपको तुरंत इन बातों पर ध्यान देना चाहिए:

  • अपने सभी कागज जांच लें और अगर कुछ अधूरे हैं तो तुरंत अपडेट कराएं
  • म्युटेशन और रजिस्ट्री की प्रक्रिया को नजरअंदाज न करें
  • अगर कोई संपत्ति विवादित है तो बिना कागज उसमें हाथ न डालें
  • खरीदने से पहले पूरी जांच कर लें, पुराने रिकॉर्ड और टैक्स की रसीदें जरूर चेक करें
  • वकील की मदद से कागजों की वैधता की पुष्टि करें

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला एक तरह से आंख खोलने वाला है। अब सिर्फ कब्जा या रिश्तेदारी से कोई भी जमीन का मालिक नहीं बन सकता। हर किसी को अपने मालिकाना हक के लिए वैध और मजबूत कागज दिखाने होंगे।

तो भाई, अगर आपके पास प्रॉपर्टी है और आप चाहते हैं कि वह आपके नाम पर सुरक्षित रहे, तो वक्त रहते सभी दस्तावेज ठीक करा लो। वरना कभी भी कोई आपको कोर्ट में चुनौती दे सकता है और अगर आपके पास कागज नहीं हुए तो आपकी मेहनत की कमाई गई जमीन हाथ से निकल सकती है। साफ शब्दों में – अब जमाना है कागजों का, नहीं तो दावे का कोई मतलब नहीं।

यह भी पढ़े:
Property Possession इतने साल बाद किराएदार बन सकता है घर का मालिक – जानिए ये कानूनी सच Property Possession

Leave a Comment

Join Whatsapp Group🔔 लोन और इन्शुरेंस चाहिए?