Property Knowledge – हर किसी का सपना होता है कि उसका खुद का एक छोटा सा घर हो, जहां वो सुकून से अपना जीवन बिता सके। लेकिन आजकल जैसे-जैसे महंगाई बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे घर खरीदना आम आदमी के लिए मुश्किल होता जा रहा है। खासकर मिडल क्लास परिवारों के लिए, जिनकी कमाई तो सीमित है लेकिन प्रॉपर्टी के दाम दिन-ब-दिन आसमान छू रहे हैं। हालांकि अब जो हालात बन रहे हैं, वो घर खरीदने वालों के लिए उम्मीद की किरण लेकर आए हैं।
बाजार के जानकारों का मानना है कि आने वाले वक्त में घरों की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है। यानी जो लोग लंबे समय से घर खरीदने का सपना देख रहे हैं, उनके लिए अब अच्छा मौका आने वाला है।
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हालांकि प्रॉपर्टी सेक्टर में ओवरऑल डेवलपमेंट तो चल रहा है, लेकिन हाल के कुछ आंकड़े बताते हैं कि चीजें उतनी बेहतर नहीं हैं।
घर बेचने वाले डेवलपर्स की चिंता इसलिए बढ़ रही है क्योंकि खरीदारों की संख्या में गिरावट आई है। इस बार घरों की बिक्री में करीब 19 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, जो साफ इशारा करता है कि लोग अभी घर खरीदने से पीछे हट रहे हैं।
इसका सबसे बड़ा कारण है – महंगे घर, लोगों की घटती क्रय शक्ति और बाजार में बनी अनिश्चितता। अब जब लोग खरीद नहीं रहे, तो डेवलपर्स के पास ढेर सारे घर बिना बिके पड़े हैं। इस वजह से प्रॉपर्टी के दाम घटने की पूरी उम्मीद है।
देश के बड़े शहरों में बिक्री घटी है
प्रॉपइक्विटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 9 बड़े शहरों में अप्रैल से जून 2025 के बीच घरों की बिक्री में बड़ी गिरावट आई है।
जहां पिछले साल इसी समय एक लाख सोलह हजार से ज्यादा घर बिके थे, वहीं इस साल यह संख्या घटकर करीब 94 हजार रह गई है।
यह 2021 की तीसरी तिमाही के बाद पहली बार है जब बिक्री 1 लाख यूनिट से नीचे आ गई है।
इससे साफ है कि खरीदार फिलहाल इंतजार कर रहे हैं और डेवलपर्स बेचने के लिए बेचैन हैं।
नई प्रॉपर्टी लॉन्च भी हो रही है कम
बिक्री ही नहीं, नई प्रॉपर्टी लॉन्च करने में भी डेवलपर्स अब पीछे हट रहे हैं।
पिछली तिमाही में नई सप्लाई करीब तीस फीसदी कम हुई है। यानी डेवलपर्स अब नए प्रोजेक्ट्स लॉन्च करने से बच रहे हैं क्योंकि पहले से बनी हुई यूनिट्स ही नहीं बिक पा रही हैं।
लगातार चौथी बार ऐसा हुआ है कि नई सप्लाई एक लाख यूनिट से नीचे रही है। इसका सीधा असर आने वाले समय में कीमतों पर पड़ सकता है और इसमें थोड़ी नरमी देखने को मिल सकती है।
किस शहर में कैसी स्थिति
हर शहर की स्थिति थोड़ी अलग है, लेकिन ज्यादातर जगहों पर गिरावट देखी जा रही है।
- बेंगलुरु – बिक्री में 6 फीसदी की गिरावट, अनुमानित बिक्री करीब 14,600 यूनिट
- हैदराबाद – 20 फीसदी की गिरावट, सिर्फ 11,800 यूनिट तक सीमित
- मुंबई – सबसे ज्यादा असर, करीब 34 फीसदी की गिरावट और सिर्फ 8,000 यूनिट की बिक्री
- नवी मुंबई – 17 फीसदी की गिरावट, अनुमानित बिक्री 6,800 यूनिट
- पुणे – 27 फीसदी की कमी, करीब 17,100 यूनिट तक
- ठाणे – 34 फीसदी की भारी गिरावट, बिक्री लगभग 14,800 यूनिट
- कोलकाता – अपेक्षाकृत कम गिरावट, सिर्फ 8 फीसदी, फिर भी असर दिखा
लेकिन दिल्ली और चेन्नई में कुछ राहत
जहां ज्यादातर शहरों में गिरावट है, वहीं दिल्ली-एनसीआर और चेन्नई में थोड़ी राहत देखने को मिली है।
- दिल्ली-एनसीआर में बिक्री में करीब 16 फीसदी की बढ़त रही है, अनुमानित 11,700 यूनिट
- चेन्नई में भी 9 फीसदी का उछाल, बिक्री पहुंची करीब 5,300 यूनिट
इसका मतलब यह हुआ कि कुछ शहरों की मजबूत अर्थव्यवस्था और बेहतर नौकरी के अवसर वहां की प्रॉपर्टी की डिमांड को बनाए हुए हैं।
यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी देने के मकसद से लिखा गया है। प्रॉपर्टी के दाम कई चीजों पर निर्भर करते हैं – जैसे सरकार की नीति, ब्याज दरें, लोकल डिमांड और सप्लाई। इसलिए कोई भी बड़ा फैसला लेने से पहले अपनी फाइनेंशियल हालत देखें और ज़रूरत हो तो एक्सपर्ट से सलाह ज़रूर लें।