NCTE B.Ed Approval – अगर आपने B.Ed कर रखा है और सोच रहे थे कि कब प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने का मौका मिलेगा – तो अब खुश हो जाइए। NCTE यानी नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने एक बड़ा फैसला लिया है, और अब B.Ed पास उम्मीदवार भी क्लास 1 से 5 तक पढ़ा सकेंगे। यानी अब आपके लिए सरकारी स्कूल में बतौर प्राइमरी टीचर नौकरी पाने का रास्ता खुल चुका है। आइए अब आपको पूरी डिटेल आसान भाषा में बताते हैं।
पहले क्या था सिस्टम?
अब तक होता ये था कि अगर किसी को प्राइमरी टीचर यानी क्लास 1 से 5 तक पढ़ाना होता था, तो उसके पास D.El.Ed, BTC या JBT जैसी डिग्री होनी जरूरी थी। और जिनके पास B.Ed डिग्री होती थी, उन्हें सिर्फ क्लास 6 से ऊपर की कक्षाएं पढ़ाने की अनुमति मिलती थी। इस वजह से हजारों B.Ed होल्डर प्राइमरी की भर्तियों से बाहर रह जाते थे, चाहे उन्होंने कितनी भी मेहनत से पढ़ाई क्यों न की हो।
अब क्या नया हुआ है?
अब NCTE ने अपना पुराना नियम बदल दिया है। नए नियम के मुताबिक, अगर आपने B.Ed किया है तो अब आप भी क्लास 1 से 5 तक पढ़ा सकते हैं। लेकिन एक छोटी सी शर्त है – आपको CTET या फिर अपने राज्य की TET परीक्षा पास करनी होगी। उसके बाद आप पूरे हक से प्राइमरी शिक्षक की भर्ती में शामिल हो सकते हैं।
ये बदलाव क्यों लाया गया?
इस बदलाव की मांग काफी समय से हो रही थी। कई B.Ed पास उम्मीदवारों ने अदालतों में याचिका दायर की थी कि उन्हें भी मौका मिलना चाहिए। आखिरकार कोर्ट के निर्देश और उम्मीदवारों के दबाव के बाद सरकार और NCTE को ये फैसला लेना पड़ा। और ये फैसला ना सिर्फ छात्रों के लिए राहत लेकर आया है बल्कि शिक्षा व्यवस्था के लिए भी एक बड़ा पॉजिटिव स्टेप है।
योग्यता क्या होनी चाहिए?
अगर आप भी इस मौके का फायदा उठाना चाहते हैं तो आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा:
- आपके पास किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से B.Ed की डिग्री होनी चाहिए।
- आपको CTET या राज्य TET परीक्षा पास करनी होगी।
- इन परीक्षाओं में सफल होने के बाद ही आप आवेदन कर पाएंगे।
TET या CTET में कौन-कौन से विषय आते हैं?
इन परीक्षाओं में सवाल आपके बेसिक नॉलेज और टीचिंग स्किल्स पर होते हैं। खासतौर से ये विषय होते हैं:
- बाल विकास और शिक्षाशास्त्र (Child Development & Pedagogy)
- हिंदी भाषा
- अंग्रेजी भाषा या अन्य क्षेत्रीय भाषा
- गणित
- पर्यावरण अध्ययन
अगर आप इन सभी विषयों की सही से तैयारी कर लेते हैं तो परीक्षा निकालना मुश्किल नहीं है।
किस-किस राज्य को होगा सबसे ज़्यादा फायदा?
ये फैसला पूरे भारत के लिए लागू होगा, लेकिन कुछ राज्यों को इससे खास फायदा होने वाला है, जहां प्राइमरी शिक्षकों की भारी कमी है। जैसे:
- उत्तर प्रदेश
- बिहार
- मध्य प्रदेश
- राजस्थान
- झारखंड
- छत्तीसगढ़
यहां पर अब D.El.Ed और B.Ed दोनों तरह के उम्मीदवार आपस में मुकाबला करेंगे और जो बेहतर होगा, उसे मौका मिलेगा।
B.Ed पास उम्मीदवारों को अब क्या करना चाहिए?
अगर आपने B.Ed किया है और अब तक प्राइमरी शिक्षक बनने का सपना देख रहे थे, तो अब देर करने की जरूरत नहीं है। आपको अब ये करना चाहिए:
- सबसे पहले CTET या अपने राज्य की TET परीक्षा की तैयारी शुरू करें।
- बाल मनोविज्ञान और प्राथमिक शिक्षा से जुड़े विषयों पर ज्यादा फोकस करें।
- मॉक टेस्ट लगाएं और पुराने सालों के पेपर हल करें।
- जो भी राज्य या केंद्र सरकार की वैकेंसी निकले, उस पर नजर बनाए रखें।
इस फैसले के क्या होंगे लंबे फायदे?
- योग्य B.Ed धारकों को अब नया करियर ऑप्शन मिलेगा।
- स्कूलों में शिक्षकों की कमी कम होगी।
- ग्रामीण इलाकों में भी अच्छे टीचर मिलेंगे।
- शिक्षा की क्वालिटी बेहतर होगी।
- और सबसे बड़ी बात – NEP 2020 यानी नई शिक्षा नीति का भी यह एक अहम हिस्सा साबित होगा।
क्या यह फैसला हर राज्य में लागू होगा?
जी हां, लेकिन एक छोटी सी बात का ध्यान रखें – राज्य सरकारें अपनी-अपनी जरूरत के हिसाब से नियम तय करती हैं। इसलिए जरूरी है कि आप अपने राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर समय-समय पर जानकारी चेक करते रहें।
सच कहें तो अगर आपने B.Ed किया है और आप टीचिंग लाइन में आना चाहते हैं तो इससे अच्छा मौका शायद न मिले। अब आपके पास सरकारी नौकरी पाने का सीधा रास्ता है। बस एक परीक्षा निकालनी है और फिर आप बन सकते हैं सरकारी प्राइमरी स्कूल के टीचर।
तो भाई अब वक्त आ गया है कि किताबें खोलिए, तैयारी शुरू कीजिए और सरकारी नौकरी की तरफ पहला ठोस कदम उठाइए। मौका है – फायदा उठाइए।