Loan Default Rules – अगर आपने बैंक से लोन लिया है और सोच रहे हैं कि धीरे-धीरे चुकाएंगे या फिर टालते रहेंगे, तो अब संभल जाएं। भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने लोन नहीं चुकाने वालों के लिए सख्त चेतावनी जारी कर दी है। खासकर उन लोगों के लिए जो जानबूझकर लोन नहीं चुकाते। अब अगर आपने 25 लाख या उससे ज्यादा का लोन लिया है और समय पर नहीं चुका रहे हैं, तो आपकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
चलिए आपको आसान भाषा में बताते हैं कि RBI ने क्या कहा है और नए नियमों के तहत किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होगा।
कौन हैं ‘विलफुल डिफॉल्टर’?
RBI की नजर में वो लोग जो लोन लेने के बाद जानबूझकर उसे नहीं चुकाते, जबकि उनके पास चुकाने की क्षमता होती है – उन्हें ‘Wilful Defaulter’ यानी इरादतन लोन चूककर्ता माना जाएगा।
अब अगर आपने 25 लाख रुपये या उससे ज्यादा का लोन लिया है और उसे जानबूझकर नहीं चुका रहे, तो आप इस कैटेगरी में आ सकते हैं।
कैसे पकड़े जाएंगे ऐसे लोग?
RBI ने बैंकों को ये आदेश दिए हैं कि जो ग्राहक जानबूझकर लोन नहीं चुका रहे हैं, उनकी पहचान की जाए।
इसके लिए बैंक एक विशेष जांच समिति बनाएंगे, जो यह देखेगी कि लोन ना चुकाने का कारण क्या है। अगर लगता है कि ग्राहक के पास पैसे हैं लेकिन फिर भी वह भुगतान नहीं कर रहा, तो उसे Wilful Defaulter घोषित किया जाएगा।
बैंक लेंगे 6 महीने में एक्शन
अगर किसी लोनधारक की शुरुआती जांच में यह सामने आता है कि उसने जानबूझकर भुगतान नहीं किया है, तो बैंक को 6 महीने के अंदर उस ग्राहक को Wilful Defaulter घोषित करना होगा। इसके बाद उस व्यक्ति का खाता NPA (Non Performing Asset) की श्रेणी में आ जाएगा।
यानि अब बैंक को चूक करने वाले ग्राहकों पर कार्रवाई के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
बैंकों और NBFC को दिए गए नए निर्देश
RBI ने सभी बैंकों और NBFCs को ये सख्त हिदायत दी है:
- 25 लाख या उससे ज्यादा बकाया लोन वाले खातों की नियमित निगरानी की जाए।
- सभी NPA खातों की गहराई से जांच की जाए।
- Wilful Defaulter की पहचान करते ही समय से कार्रवाई की जाए।
- जानबूझकर लोन न चुकाने वालों के लिए सख्त नीति तैयार की जाए।
क्यों उठाया गया ये कदम?
RBI का मानना है कि जो लोग लोन लेकर उसे नहीं चुकाते, वो न सिर्फ बैंक को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि पूरे देश की वित्तीय और लोन व्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
ऐसे ग्राहकों की वजह से:
- बैंकों की हालत खराब होती है
- आम ग्राहकों को भी इसका असर भुगतना पड़ता है
- ब्याज दरें और सख्त शर्तें बढ़ सकती हैं
- नई लोन योजनाएं प्रभावित होती हैं
इसलिए अब RBI ने तय किया है कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा।
बचाव के रास्ते क्या हैं?
अगर आपने भी लोन लिया है और समय पर चुकाने में परेशानी हो रही है, तो सबसे पहले अपने बैंक से बात करें।
- EMI में राहत पाने के लिए बैंक से पुनर्गठन (restructuring) की बात करें।
- पार्ट पेमेंट या टॉप-अप लोन जैसे विकल्प भी हो सकते हैं।
- लेकिन जानबूझकर लोन टालना अब भारी पड़ सकता है।
क्या हो सकता है Wilful Defaulter घोषित होने के बाद?
अगर किसी व्यक्ति को Wilful Defaulter घोषित कर दिया गया तो:
- उसे कोई नया लोन नहीं मिलेगा
- उसका क्रेडिट स्कोर गिर जाएगा
- बैंक उस पर कानूनी कार्रवाई कर सकता है
- संपत्ति की नीलामी तक हो सकती है
- भविष्य में किसी भी फाइनेंशियल संस्था से मदद पाना मुश्किल हो जाएगा
अब RBI का रुख बिल्कुल साफ है – लोन लिया है तो समय पर चुकाना पड़ेगा। अगर नहीं चुकाया और जानबूझकर टालमटोल की, तो Wilful Defaulter घोषित कर दिया जाएगा और उस स्थिति में न सिर्फ कानूनी कार्रवाई झेलनी पड़ेगी, बल्कि भविष्य में किसी भी बैंक से लोन मिलना मुश्किल हो जाएगा।
इसलिए अगर आपने लोन लिया है, तो उसकी EMI समय पर भरना शुरू कर दें। और अगर परेशानी है, तो बैंक से बातचीत कर हल निकालें। लेकिन लापरवाही की अब कोई जगह नहीं बची।