Employees Gratuity Calculation – अगर आप कहीं नौकरी करते हैं और सालों तक मेहनत से काम किया है, तो ग्रेच्युटी आपके लिए एक बहुत बड़ा सहारा बन सकती है। यह कोई बोनस या गिफ्ट नहीं, बल्कि आपकी वफादारी और लंबे समय की सेवा का इनाम है, जो आपको रिटायरमेंट या नौकरी छोड़ते वक्त मिलता है। चलिए अब आपको आसान भाषा में समझाते हैं कि ग्रेच्युटी क्या है, कैसे मिलती है, और कितना पैसा आपको मिल सकता है।
क्या होती है ग्रेच्युटी?
ग्रेच्युटी दरअसल एक तरह की रिवार्ड मनी है जो कोई भी कंपनी या संस्थान अपने कर्मचारी को तब देती है जब वो वहां लंबे समय तक काम कर चुका होता है। यानी आपने 5 साल या उससे ज्यादा समय किसी एक ही कंपनी में काम किया है, और अब आप रिटायर हो रहे हैं या नौकरी छोड़ रहे हैं, तो कंपनी आपको एकमुश्त रकम देगी – इसी को ग्रेच्युटी कहते हैं।
किसे मिलती है ग्रेच्युटी?
ग्रेच्युटी पाने के लिए कुछ शर्तें हैं:
- आपने कम से कम 5 साल एक ही कंपनी में लगातार काम किया हो
- अगर कर्मचारी की मौत हो जाए या वो हमेशा के लिए अपंग हो जाए, तो 5 साल की शर्त नहीं लगती
- नौकरी छोड़ते वक्त कोई अनुशासनहीनता, धोखाधड़ी या गंभीर गलती नहीं की हो
ग्रेच्युटी कैसे होती है कैलकुलेट?
अब बात करते हैं कि आपको ग्रेच्युटी कितनी मिलेगी। इसके लिए एक बहुत ही सिंपल फॉर्मूला है:
ग्रेच्युटी = (महीने का अंतिम वेतन × काम के साल × 15) ÷ 26
यहां “अंतिम वेतन” का मतलब है – बेसिक सैलरी + महंगाई भत्ता
“15” का मतलब है – हर साल के लिए 15 दिन की सैलरी
“26” माने – महीने के औसतन वर्किंग डे (रविवार काटकर)
एक उदाहरण से समझो
मान लो राम नाम के कर्मचारी ने किसी कंपनी में 10 साल काम किया और उनकी अंतिम सैलरी 70,000 रुपये थी।
तो,
ग्रेच्युटी = 70,000 × 10 × 15 ÷ 26 = 4,03,846 रुपये
यानि राम को 10 साल की सेवा पर 4 लाख से ज्यादा की ग्रेच्युटी मिल सकती है।
अगर कंपनी ग्रेच्युटी एक्ट के तहत नहीं आती हो?
अगर कंपनी सरकार में रजिस्टर्ड नहीं है या ग्रेच्युटी एक्ट के दायरे में नहीं आती, तो भी वो अपने कर्मचारियों को ग्रेच्युटी दे सकती है। फर्क बस इतना है कि वहां फॉर्मूला थोड़ा बदल जाता है:
ग्रेच्युटी = (वेतन × साल × 15) ÷ 30
यानि महीने को 30 दिन मानते हैं, 26 नहीं। इससे थोड़ी राशि कम आती है।
उदाहरण: 70,000 × 10 × 15 ÷ 30 = 3,50,000 रुपये
क्या ग्रेच्युटी पर टैक्स लगता है?
- सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली पूरी ग्रेच्युटी टैक्स फ्री होती है
- प्राइवेट कर्मचारियों के लिए 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी टैक्स फ्री है
- इससे ज्यादा हुई तो बाकी रकम पर टैक्स देना पड़ सकता है
कैसे करें क्लेम?
जब आप नौकरी छोड़ते हैं या रिटायर होते हैं, तो ये स्टेप फॉलो करें:
- फॉर्म-I भरें – यह ग्रेच्युटी क्लेम करने के लिए जरूरी है
- सारे दस्तावेज जमा करें – नौकरी का प्रूफ, ID, बैंक डीटेल्स
- नियोक्ता को देना होता है पेमेंट – 30 दिनों के अंदर
- अगर नहीं मिला तो आप श्रम अदालत में शिकायत कर सकते हैं
ग्रेच्युटी का क्या फायदा होता है?
- सेवानिवृत्ति के बाद एकमुश्त मोटी रकम मिलती है
- इस पैसे से आप घर की मरम्मत, बच्चों की शादी, या कोई बिजनेस शुरू कर सकते हैं
- आप इसे निवेश भी कर सकते हैं ताकि भविष्य में और फायदा हो
- इमरजेंसी में आपके और आपके परिवार के बहुत काम आ सकता है
जरूरी बातें ध्यान रखें
- नौकरी शुरू करते वक्त ही HR से ग्रेच्युटी पॉलिसी समझ लें
- हर साल अपने काम के साल और सैलरी अपडेट रखें
- अगर आपकी कंपनी ग्रेच्युटी नहीं दे रही, तो उसके खिलाफ शिकायत कर सकते हैं
ग्रेच्युटी एक छोटा मोटा बोनस नहीं है, ये आपकी पूरी नौकरी की मेहनत का ईनाम है। इसलिए इसके बारे में पूरी जानकारी रखें, और जब हक बनता हो तो ज़रूर क्लेम करें। यह पैसे आपके भविष्य की नींव मजबूत कर सकते हैं।