ATM Card News – अगर आप भी ATM कार्ड, डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल हर दिन करते हैं, तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। RBI ने 2025 में कुछ नए नियम लागू किए हैं, जिनका असर अब सीधे आपके बैंक अकाउंट और जेब पर पड़ने वाला है। कई बड़े बैंकों जैसे HDFC, ICICI और अन्य ने ATM से पैसे निकालने, क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने और IMPS ट्रांजेक्शन पर नए चार्ज लगाने शुरू कर दिए हैं।
अब हर ट्रांजेक्शन पर आपको पहले से ज़्यादा पैसा चुकाना पड़ सकता है, खासकर अगर आप बार-बार ATM से पैसे निकालते हैं या डिजिटल वॉलेट और गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर खर्च करते हैं।
ATM से पैसे निकालना हुआ महंगा
पहले जितनी बार मन किया ATM कार्ड निकाला और पैसे निकाल लिए, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। अब आपको अपने लेनदेन गिनकर करने होंगे क्योंकि:
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अपने बैंक के ATM से हर महीने 5 बार फ्री ट्रांजेक्शन की छूट मिलेगी।
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अगर आप किसी अन्य बैंक के ATM का इस्तेमाल करते हैं तो
- मेट्रो शहरों में सिर्फ 3 बार
- नॉन-मेट्रो शहरों में 5 बार फ्री ट्रांजेक्शन मिलेगा।
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इसके बाद हर बार ATM से पैसे निकालने पर ₹23 का चार्ज लगेगा।
अब सोचिए, महीने में बार-बार ATM से पैसे निकालने पर कितना खर्च बढ़ जाएगा।
ICICI बैंक के नए नियम
ICICI बैंक ने भी अपने ग्राहकों के लिए नियम सख्त कर दिए हैं।
- फ्री लिमिट खत्म होते ही हर अतिरिक्त लेनदेन पर ₹23 देना होगा।
- ATM से सिर्फ पैसे निकालना ही नहीं, अब कैश डिपॉजिट पर भी लिमिट लग गई है। महीने में सिर्फ 3 बार कैश जमा करने की छूट, इसके बाद हर बार जमा करने पर ₹150 चार्ज लगेगा।
IMPS ट्रांजेक्शन पर भी लगेगा चार्ज
अब अगर आप इंटरनेट या मोबाइल बैंकिंग से IMPS के जरिए पैसे भेजते हैं, तो भी आपको जेब ढीली करनी पड़ेगी।
- ₹1000 तक भेजने पर – ₹2.50 चार्ज
- ₹1 लाख तक – ₹5 चार्ज
- ₹5 लाख तक – ₹15 चार्ज
अगर महीने में ₹1 लाख से ज्यादा कैश जमा करते हैं तो हर ₹1000 पर ₹3.50 चार्ज और अधिकतम ₹150 तक देना होगा।
HDFC बैंक का नया कार्ड चार्ज सिस्टम
क्रेडिट कार्ड यूज़ करने वालों के लिए भी नए झटके हैं, खासकर अगर आप गेमिंग ऐप्स या डिजिटल वॉलेट्स का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं।
- Dream11, MPL जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ₹10,000 से ज़्यादा खर्च किया तो 1% एक्स्ट्रा चार्ज
- Paytm, Mobikwik जैसे वॉलेट्स पर भी यही नियम लागू
- किराया क्रेडिट कार्ड से देने पर भी 1% चार्ज
- ₹15,000 से ज्यादा पेट्रोल या ₹50,000 से ज्यादा बिजली-पानी का बिल चुकाने पर भी 1% अतिरिक्त शुल्क
यानी अब कार्ड से पेमेंट करने से पहले दो बार सोचना पड़ेगा।
क्या करें अब ग्राहक?
अब सवाल उठता है कि इन बढ़ते चार्जेस से कैसे बचा जाए? तो इसके लिए आपको कुछ स्मार्ट आदतें अपनानी होंगी:
- ATM से कम से कम पैसे निकालें – महीने की शुरुआत में ज़रूरत का कैलकुलेशन करके एक ही बार निकाल लें।
- डिजिटल पेमेंट अपनाएं – UPI और नेट बैंकिंग का इस्तेमाल ज्यादा करें, जिससे ATM की जरूरत ही न पड़े।
- क्रेडिट कार्ड से फालतू खर्च न करें – गेमिंग, वॉलेट लोडिंग और किराया जैसे खर्चों में क्रेडिट कार्ड को अवॉयड करें।
- हर महीने बैंक की वेबसाइट चेक करें – लेनदेन से जुड़े नए चार्ज और बदलावों पर नजर रखें।
- कैश जमा करने की गिनती करें – बार-बार बैंक जाकर पैसे जमा करने से बचे, ताकि ₹150 का एक्स्ट्रा चार्ज न देना पड़े।
RBI और बैंकों की मंशा क्या है?
ये सारे बदलाव इसलिए लाए जा रहे हैं ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा डिजिटल ट्रांजेक्शन की तरफ बढ़ें। कैश की बजाय UPI, नेट बैंकिंग जैसे तरीकों से भुगतान करें। इससे न सिर्फ बैंकों की लागत कम होती है बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी पारदर्शी होती है।
बैंकों का कहना है कि जो लोग डिजिटल भुगतान को अपनाएंगे, उन्हें इन नए चार्जेस से नुकसान नहीं होगा। लेकिन जो लोग अभी भी कैश पर निर्भर हैं, उनके लिए ये नियम थोड़े मुश्किल भरे हो सकते हैं।
ATM कार्ड और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल आज के समय में आम बात हो गई है, लेकिन अब इन्हें पुराने तरीके से इस्तेमाल करना फायदे का सौदा नहीं रहा। अगर आप बिना सोचे-समझे हर ATM ट्रांजेक्शन या कार्ड पेमेंट करेंगे, तो महीने के अंत में आपको जेब से अच्छा-खासा पैसा देना पड़ सकता है।
इसलिए जरूरी है कि आप अपने खर्चों की प्लानिंग करें, ATM और कार्ड का इस्तेमाल समझदारी से करें और डिजिटल पेमेंट को अपनाएं।
इन नियमों के साथ तालमेल बैठाकर आप न सिर्फ चार्जेस से बच सकते हैं, बल्कि अपनी फाइनेंशियल हैबिट्स को भी स्मार्ट बना सकते हैं।