Unified Pension Scheme – अगर आप सरकारी नौकरी में हैं या किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो सरकारी कर्मचारी है, तो यह खबर आपके लिए बहुत काम की है। केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना शुरू की है, जिसका नाम है – यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी UPS।
यह स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू हो चुकी है, लेकिन 1 अगस्त 2025 से इसे पूरी तरह से पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा। खास बात ये है कि ये योजना पुरानी और नई पेंशन योजनाओं का मिला-जुला रूप है, जिसमें फायदा ही फायदा है।
क्या है UPS और क्यों लाया गया ये सिस्टम?
सरकार ने बहुत सोच-समझकर UPS को डिज़ाइन किया है। इसका मकसद है कि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को आर्थिक चिंता से मुक्ति मिले।
अब तक जो नई पेंशन योजना थी, उसमें बाजार की चाल पर पेंशन निर्भर होती थी। और पुरानी पेंशन योजना में सरकार पर सारा भार होता था। UPS इन दोनों का बैलेंस है – इसमें गारंटी भी है और पारदर्शिता भी।
अब कितना मिलेगा पेंशन?
इस नई स्कीम में एक बड़ा बदलाव ये है कि अब कर्मचारियों को उनकी आखिरी बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा।
- अगर आपने 25 साल या उससे ज्यादा की सेवा की है, तो सीधे 50% पेंशन तय मानी जाएगी।
- अगर आपकी सेवा 10 से 24 साल के बीच है, तो आपकी सेवा अवधि के हिसाब से पेंशन मिलेगी।
- और अगर आपने कम से कम 10 साल की सेवा की है, तो भी 10 हजार रुपये महीना पेंशन गारंटी के साथ मिलेगी।
मतलब अब कोई भी रिटायर सरकारी कर्मचारी खाली हाथ नहीं जाएगा।
कौन लोग ले पाएंगे UPS का फायदा?
- जो कर्मचारी 1 अप्रैल 2025 के बाद सरकारी सेवा में आएंगे, उन्हें सीधे यह योजना मिलेगी।
- जो लोग अभी नई पेंशन योजना (NPS) में हैं, उन्हें 30 सितंबर 2025 तक का समय दिया गया है UPS में शिफ्ट होने के लिए।
- लेकिन एक बात ध्यान रखें – अगर आपने एक बार UPS चुन लिया, तो फिर दोबारा NPS में वापस नहीं जा सकेंगे।
यह एक बड़ा फैसला है, इसलिए सोच-समझकर ही विकल्प चुनना जरूरी होगा।
कौन देगा पैसा और कैसे?
UPS में योगदान देने की जिम्मेदारी दोनों की है – कर्मचारी और सरकार।
- कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 10% हर महीने UPS में देना होगा।
- सरकार भी उसी के बराबर 10% योगदान देगी।
इससे एक अच्छा फंड तैयार होगा जो रिटायरमेंट के समय मजबूत पेंशन दे सकेगा। और हां, यह पैसा सुरक्षित निवेश में लगाया जाएगा, जिससे कोई रिस्क न हो।
परिवार को क्या मिलेगा अगर कर्मचारी नहीं रहे?
UPS में पारिवारिक पेंशन की भी अच्छी व्यवस्था की गई है। अगर रिटायर होने के बाद कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को मूल पेंशन का 60% हिस्सा मिलेगा।
- सबसे पहले ये पैसा जीवनसाथी को मिलेगा।
- अगर जीवनसाथी नहीं है, तो आश्रित बच्चों या माता-पिता को दिया जाएगा।
- इसमें भी न्यूनतम राशि तय की गई है, ताकि परिवार आर्थिक संकट में न पड़े।
राज्य सरकारों का क्या रोल है?
अभी यह योजना केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू हुई है, लेकिन राज्य सरकारों को भी इसे अपनाने का विकल्प दिया गया है।
महाराष्ट्र इस योजना को अपनाने वाला पहला राज्य बन गया है। बाकी राज्य भी विचार कर रहे हैं और जल्द ही बाकी राज्यों में भी UPS लागू हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो देश के करीब 90 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को इसका सीधा फायदा मिलेगा।
कैसे करें आवेदन?
सरकार ने आवेदन की प्रक्रिया को बहुत ही आसान और डिजिटल बना दिया है।
- ऑनलाइन आवेदन के लिए PRATIAN पोर्टल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- ऑफलाइन आवेदन के लिए संबंधित ऑफिस से Form A1 (नए कर्मचारियों के लिए) या Form A2 (पहले से काम कर रहे कर्मचारियों के लिए) लेना होगा।
- भविष्य में मोबाइल ऐप के जरिए भी आवेदन और जानकारी मिल सकेगी।
UPS की सबसे बड़ी खासियत क्या है?
- गारंटीशुदा पेंशन – कम से कम दस हजार रुपये हर महीने
- पारिवारिक सुरक्षा – मृत्यु के बाद परिवार को पेंशन
- दोनों तरफ से योगदान – कर्मचारी और सरकार दोनों पैसा देंगे
- कोई मार्केट रिस्क नहीं – पैसा सुरक्षित जगह लगाया जाएगा
पुरानी और नई दोनों योजनाओं की अच्छाइयों को मिलाकर यह स्कीम बनाई गई है।
भविष्य में क्या बदलाव हो सकते हैं?
सरकार चाहती है कि इस योजना को समय के साथ और बेहतर बनाया जाए। आने वाले समय में इसमें और सुविधाएं भी जोड़ी जा सकती हैं जैसे:
- हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस
- डिजिटल ट्रैकिंग और हेल्पलाइन सिस्टम
- नए तकनीक जैसे AI और ब्लॉकचेन का इस्तेमाल
यूनिफाइड पेंशन स्कीम 2025 सरकारी कर्मचारियों के लिए एक सुनहरा मौका है। यह सिर्फ पेंशन नहीं, बल्कि सम्मान और सुरक्षा की गारंटी है।
अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं या किसी को जानते हैं, तो इस योजना की जानकारी जरूर दें। एक सही फैसला भविष्य को बेहतर बना सकता है।