Free Ration Face Scan – हिमाचल प्रदेश सरकार ने राशन वितरण प्रणाली में बड़ा बदलाव कर दिया है। अब आपको राशन लेने के लिए न तो OTP का इंतजार करना पड़ेगा और न ही फिंगरप्रिंट से जूझना होगा। क्योंकि अब राशन मिलेगा सीधे चेहरे की पहचान यानी फेस स्कैन के जरिए। सरकार ने इस नई तकनीक को शुक्रवार से पूरे राज्य में लागू कर दिया है। इससे न केवल लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि सिस्टम भी ज्यादा पारदर्शी और सुरक्षित बन जाएगा।
फिंगरप्रिंट और OTP की झंझट खत्म
अभी तक राशन कार्ड धारकों को राशन लेने के लिए अंगूठे के निशान या OTP का सहारा लेना पड़ता था। लेकिन कई बार बुजुर्गों के फिंगरप्रिंट काम नहीं करते थे या OTP समय पर नहीं आता था। इससे घंटों लाइन में खड़े रहना पड़ता था और कई बार राशन भी नहीं मिल पाता था। अब फेस स्कैन सुविधा के बाद ये सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी।
बुजुर्ग और बीमार लोगों को बड़ी राहत
फेस स्कैन तकनीक खास तौर पर उन लोगों के लिए मददगार साबित होगी जो चलने-फिरने में असमर्थ हैं, जैसे बुजुर्ग, गंभीर बीमार या विकलांग लोग। अब डिपो संचालक सीधे उनके घर जाकर मोबाइल से उनका फेस स्कैन करेंगे और उसी आधार पर राशन उपलब्ध कराया जाएगा। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि राशन सही व्यक्ति तक पहुंचे और कोई फर्जीवाड़ा न हो।
बिलासपुर बना मॉडल जिले की शुरुआत
इस नई प्रणाली की शुरुआत सबसे पहले बिलासपुर जिले में एक हफ्ते पहले की गई थी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत यहां के करीब 1.14 लाख राशन कार्डधारकों को इस तकनीक का लाभ मिलना शुरू हो गया है। बिलासपुर के खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी ब्रिजेंद्र सिंह पठानिया ने बताया कि इससे न सिर्फ वितरण प्रक्रिया तेज हुई है, बल्कि पारदर्शिता भी काफी बढ़ी है।
कैसे काम करता है फेस स्कैन सिस्टम?
यह फेस स्कैन प्रणाली मोबाइल से जुड़ी एक खास डिवाइस के जरिए काम करती है। जब कोई उपभोक्ता राशन लेने आता है, तो डिपो संचालक उस व्यक्ति का चेहरा मोबाइल डिवाइस से स्कैन करता है। चेहरा स्कैन होते ही व्यक्ति की डिजिटल पहचान रिकॉर्ड हो जाती है। अगर जानकारी सही पाई जाती है, तो तुरंत राशन दिया जाता है। इस प्रोसेस से फर्जी राशन कार्ड और डुप्लीकेट पहचान की संभावना काफी हद तक खत्म हो जाती है।
फेस स्कैन के फायदे – आसान और भरोसेमंद तरीका
- अब न OTP की जरूरत, न अंगूठा लगाने की टेंशन
- सिर्फ चेहरे की पहचान से तुरंत प्रोसेस पूरा
- बुजुर्ग और विकलांगों को घर बैठे सुविधा
- राशन वितरण में पारदर्शिता और निगरानी आसान
- गड़बड़ियों और गलत लोगों को मिलने वाले राशन पर रोक
तकनीकी दिक्कतें भी हो सकती हैं, लेकिन जल्द सुलझेंगी
राज्य खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निदेशक राम कुमार गौतम का कहना है कि शुरुआत में कुछ डिपो पर तकनीकी दिक्कतें आ सकती हैं, जैसे नेटवर्क या डिवाइस से जुड़ी समस्याएं। लेकिन आने वाले 3-4 दिनों में ये दिक्कतें ठीक कर ली जाएंगी और राज्यभर में यह व्यवस्था सही ढंग से काम करने लगेगी।
पूरे प्रदेश में लागू हो चुकी है यह सुविधा
राज्य सरकार की ओर से बताया गया है कि हिमाचल प्रदेश के करीब 19.65 लाख राशन कार्ड धारकों को अब इस फेस स्कैन सिस्टम का लाभ मिलेगा। हर जिले के डिपो संचालकों को इस तकनीक से लैस किया जा चुका है और उन्हें ट्रेनिंग भी दी जा रही है ताकि वे आसानी से लोगों की पहचान कर सकें और उन्हें उनका हक का राशन दे सकें।
इस तकनीक से मिलेंगे ये बड़े फायदे:
- सामाजिक न्याय की दिशा में मजबूत कदम
- फर्जीवाड़े और डुप्लीकेसी पर लगाम
- जरूरतमंदों तक सही समय पर राशन पहुंचाना आसान
- सरकारी निगरानी में भी आसानी – रियल टाइम रिकॉर्डिंग
- प्रोसेस का डिजिटलीकरण – समय और संसाधनों की बचत
हिमाचल प्रदेश में राशन वितरण का यह फेस स्कैन मॉडल एक नया और स्मार्ट कदम है। इससे जहां जरूरतमंदों को राहत मिलेगी, वहीं सरकारी सिस्टम भी ज्यादा जवाबदेह और पारदर्शी बनेगा। अगर यह मॉडल सफल रहा तो आने वाले दिनों में देश के अन्य राज्यों में भी इसे अपनाया जा सकता है।
अगर आप हिमाचल प्रदेश के राशन कार्ड धारक हैं, तो अगली बार राशन लेने जाते समय चेहरा साफ रखें और मुस्कान के साथ राशन लें – क्योंकि अब आपका चेहरा ही आपकी पहचान है।