ATM New Rules – अगर आप भी महीने में कई बार ATM से पैसे निकालते हैं तो अब आपको थोड़ा संभलने की जरूरत है। सरकार ने ATM से बार-बार कैश निकालने वालों के लिए नया नियम लागू कर दिया है, जो सीधा आपकी जेब पर असर डालेगा। दरअसल अब तय सीमा से ज़्यादा बार पैसे निकालने पर आपको एक्स्ट्रा टैक्स या सर्विस चार्ज देना होगा। ये फैसला देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने और नकद लेनदेन को कम करने के इरादे से लिया गया है।
अब आइए आपको आसान भाषा में बताते हैं कि नया नियम क्या है, किन लोगों को इसका सीधा असर पड़ेगा और इससे कैसे बचा जा सकता है।
कितनी बार ATM से पैसा निकालना रहेगा फ्री?
आरबीआई और सरकार की नई गाइडलाइंस के मुताबिक हर ग्राहक को महीने में कुछ सीमित बार ही मुफ्त में ATM से पैसे निकालने की छूट मिलेगी। ये लिमिट प्राइवेट और सरकारी बैंकों के लिए अलग-अलग हो सकती है।
- प्राइवेट बैंकों में 3 से 5 फ्री ट्रांजैक्शन की छूट मिल सकती है।
- वहीं सरकारी बैंकों में ये सीमा 5 से 8 ट्रांजैक्शन तक हो सकती है।
ये भी ध्यान देने वाली बात है कि ये सीमा बैंक और आपके अकाउंट टाइप पर निर्भर करती है। मतलब किसी के लिए 5 फ्री ट्रांजैक्शन हो सकते हैं तो किसी के लिए 8 भी।
लिमिट से ज्यादा निकालने पर कितना लगेगा चार्ज?
अगर आपने तय सीमा से ज्यादा बार पैसे निकाले तो हर एक्स्ट्रा ट्रांजैक्शन पर आपको करीब 10 रुपये से लेकर 25 रुपये तक का चार्ज देना पड़ सकता है। कुछ बैंक इस पर GST भी जोड़ते हैं जिससे कुल चार्ज 21 से 28 रुपये तक पहुंच सकता है।
मान लीजिए आपकी फ्री निकासी की सीमा 5 है और आपने 7 बार पैसे निकाले, तो अंतिम 2 बार पर बैंक सर्विस चार्ज लगाएगा।
कुछ प्रीमियम अकाउंट्स या खास ग्राहकों के लिए यह चार्ज माफ भी किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आपको अपने बैंक से संपर्क कर जानकारी लेनी होगी।
गांवों में रहने वालों को कितनी राहत?
गांवों में ATM की संख्या और डिजिटल पेमेंट की सुविधा अभी शहरों जैसी नहीं है, इसलिए सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए थोड़ी छूट दी है। वहां निकासी की फ्री लिमिट थोड़ी ज्यादा रखी गई है ताकि लोगों पर ज्यादा बोझ ना पड़े। लेकिन अगर कोई ग्रामीण ग्राहक भी बार-बार निकासी करता है, तो उस पर भी चार्ज लागू होगा।
इसलिए गांवों में रहने वालों को भी सलाह दी जाती है कि एक बार में ही ज्यादा पैसे निकालें और डिजिटल पेमेंट को अपनाएं।
सरकार की सोच: डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना
इस नियम के पीछे सरकार का बड़ा मकसद है कि लोग धीरे-धीरे कैश की जगह डिजिटल भुगतान को अपनाएं। जैसे UPI, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, QR कोड से पेमेंट आदि। इससे न सिर्फ सुविधा बढ़ेगी, बल्कि टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता भी आएगी और कैशलेस इकॉनॉमी की ओर एक कदम और बढ़ेगा।
सैलरी अकाउंट और सीनियर सिटीजन को राहत
कुछ खास वर्गों को इस नियम में थोड़ी छूट भी दी गई है। अगर आपका सैलरी अकाउंट है या आप वरिष्ठ नागरिक हैं, तो हो सकता है आपके लिए ट्रांजैक्शन की फ्री सीमा ज्यादा हो या टैक्स पूरी तरह माफ हो। लेकिन ये सुविधा हर बैंक में नहीं है, इसलिए एक बार अपने बैंक से पूरी जानकारी लेना जरूरी है।
किन लोगों को रखना होगा ज्यादा ध्यान?
ये नियम उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है जो कैश पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं, जैसे छोटे दुकानदार, व्यापारी, लोकल मार्केट में काम करने वाले लोग या फिर ग्रामीण इलाके के निवासी। बार-बार पैसे निकालने की वजह से उनका मासिक खर्च बढ़ सकता है।
अब ऐसे लोगों को अपनी कैश प्लानिंग में बदलाव करना होगा और कोशिश करनी होगी कि ज़्यादातर पेमेंट UPI या कार्ड से करें। इससे न केवल टैक्स बचेगा बल्कि समय भी।
ATM टैक्स से कैसे बचें?
- बैंक की लिमिट जानें: सबसे पहले पता करें कि आपके बैंक ने कितनी फ्री निकासी की सीमा तय की है।
- कम ट्रांजैक्शन में ज्यादा पैसा निकालें: कोशिश करें कि एक ही बार में जरूरत के हिसाब से पैसे निकाल लें ताकि बार-बार ATM जाने की जरूरत न पड़े।
- डिजिटल पेमेंट अपनाएं: UPI, QR कोड, कार्ड स्वाइप, या इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करें। इनमें कोई चार्ज नहीं लगता और सुविधा भी ज्यादा है।
ATM से कैश निकालने पर टैक्स लगाने का नया नियम शुरुआत में थोड़ा परेशान कर सकता है, लेकिन लंबे समय में यह देश को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में जरूरी कदम है।
अब समय आ गया है कि हम अपनी पुरानी आदतों को थोड़ा बदलें, ATM से बार-बार पैसे निकालने से बचें और डिजिटल पेमेंट को अपनाएं। इससे पैसा भी बचेगा, समय भी और साथ ही टैक्स से भी राहत मिलेगी।