Widow Pension Scheme – अकेले रह जाने का दर्द वही समझ सकता है जिसने अपना जीवनसाथी खोया हो। ऐसी हालत में जहां भावनात्मक रूप से इंसान टूट जाता है, वहीं आर्थिक तंगी भी एक बड़ा बोझ बनकर सामने आती है। इसी बात को समझते हुए सरकार ने एक बेहतरीन कदम उठाया है – विधवा पेंशन योजना। इस योजना के तहत अब न केवल विधवा महिलाओं को, बल्कि ऐसे पुरुषों को भी पेंशन दी जाएगी जिनकी पत्नी अब इस दुनिया में नहीं हैं।
अब पति भी होंगे योजना के हकदार
अब तक ज्यादातर लोगों को लगता था कि ये योजना सिर्फ विधवा महिलाओं के लिए होती है। लेकिन अब सरकार ने इसका दायरा बढ़ा दिया है। यानी अब जिन पुरुषों की पत्नी का निधन हो चुका है, उन्हें भी इस स्कीम का फायदा मिलेगा। इससे साफ है कि सरकार अब दोनों ही वर्गों – पुरुष और महिला – को बराबरी से देख रही है।
हर महीने मिलेगी मदद
इस योजना के तहत योग्य लाभार्थियों को हर महीने 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक की पेंशन मिलती है। हालांकि, ये राशि हर राज्य में अलग-अलग होती है। कुछ राज्य कम पेंशन देते हैं, जबकि कुछ राज्य ज्यादा। सब कुछ उस राज्य की आर्थिक स्थिति और लोकल नीतियों पर निर्भर करता है।
पैसे मिलते हैं सीधे खाते में
अब किसी बाबू के चक्कर काटने की जरूरत नहीं। इस योजना के तहत पैसे सीधे आपके बैंक खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं। इसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानी DBT कहते हैं। इससे न केवल सिस्टम पारदर्शी रहता है बल्कि फालतू की धांधली भी नहीं होती।
कौन उठा सकता है योजना का फायदा?
इस योजना का लाभ पाने के लिए कुछ ज़रूरी शर्तें हैं जो आपको पहले से पता होनी चाहिए:
1. आय सीमा
कई राज्यों में यह नियम है कि अगर आपकी सालाना इनकम 1.5 लाख रुपये से कम है, तभी आप इस योजना के पात्र होंगे।
2. उम्र की सीमा
हर राज्य की अपनी अलग नीति होती है। कुछ राज्यों में 18 साल की उम्र से पेंशन मिलती है, कुछ में 40 या उससे ऊपर की उम्र के लोग ही इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
3. निवास प्रमाण
आपको उसी राज्य का निवासी होना चाहिए, जहां आप इस योजना के लिए आवेदन कर रहे हैं। मतलब, वहां का स्थायी निवास प्रमाण पत्र होना चाहिए।
4. पुनर्विवाह ना किया हो
अगर आपने अपने जीवनसाथी के गुजरने के बाद दोबारा शादी कर ली है, तो आप इस योजना के लिए योग्य नहीं माने जाएंगे।
कौन-कौन से दस्तावेज चाहिए?
जब आप इस योजना के लिए आवेदन करेंगे, तो आपको कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ जमा करने होंगे:
- मृत जीवनसाथी का मृत्यु प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक की कॉपी
- आय प्रमाण पत्र
- हाल ही में खींची गई पासपोर्ट साइज फोटो
इन सभी दस्तावेजों को आवेदन से पहले एक जगह इकट्ठा कर लेना सही रहेगा। अगर ऑनलाइन अप्लाई कर रहे हैं, तो स्कैन कॉपी तैयार रखें।
आवेदन कैसे करें?
आज के डिजिटल युग में आप घर बैठे भी इस योजना के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
ऑनलाइन प्रक्रिया
अपने राज्य के सामाजिक कल्याण विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म भरें, दस्तावेज अपलोड करें और सबमिट कर दें।
ऑफलाइन प्रक्रिया
अगर आप ऑनलाइन प्रक्रिया में सहज नहीं हैं, तो नजदीकी जन सेवा केंद्र, ब्लॉक ऑफिस या तहसील कार्यालय जाकर भी आवेदन कर सकते हैं। वहाँ के कर्मचारी आपकी मदद करेंगे।
राज्यवार क्या है स्थिति?
हर राज्य में योजना थोड़ी अलग है:
- उत्तर प्रदेश: 40 साल या उससे ऊपर की विधवाओं को 1,500 रुपये मिलते हैं।
- दिल्ली: 18 साल की उम्र से ही पेंशन मिलती है और राशि 2,500 रुपये प्रति माह है।
- राजस्थान: 18 साल से ऊपर की उम्र वालों को 1,000 रुपये प्रति माह की पेंशन।
- कर्नाटक: यहां 60 साल से ऊपर की उम्र पर 5,000 रुपये मिलते हैं, जो सबसे ज्यादा है।
क्या-क्या परेशानी आ सकती है?
- ऑनलाइन पोर्टल स्लो: कभी-कभी साइट काम नहीं करती, तो आप जन सेवा केंद्र की मदद लें।
- दस्तावेजों में गड़बड़ी: सभी कागज अप-टू-डेट रखें।
- पेंशन में देरी: अगर पैसा नहीं आया तो PFMS पोर्टल पर स्टेटस जरूर चेक करें।
योजना का असर
इस योजना का सिर्फ आर्थिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक असर भी देखने को मिला है। इससे लोगों की आत्मनिर्भरता बढ़ी है और समाज का नजरिया भी बदला है। अब लोग सम्मान के साथ जीवन जी पा रहे हैं।
अगर आप खुद इस योजना के पात्र हैं या फिर आपके आसपास कोई है, तो बिना देर किए आवेदन करें। ये सिर्फ एक स्कीम नहीं, बल्कि सरकार की तरफ से एक सहारा है – ताकि कोई अकेले रह गया व्यक्ति खुद को बेसहारा न समझे।