Wifes Property Rights After Marriage – अब अगर आप ये सोचते हैं कि शादी के बाद पत्नी की कमाई, गहने या बैंक में जमा पैसों पर पति का हक हो जाता है, तो रुकिए… ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर जो फैसला सुनाया है, वो शादीशुदा जोड़ों के लिए काफी अहम है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि शादी के बाद भी पत्नी की कमाई और गहने सिर्फ उसी की मिल्कियत हैं — यहां तक कि पति भी उन पर दावा नहीं कर सकता।
सबसे पहले समझो क्या होता है Stridhan (स्त्रीधन)?
Stridhan एक ऐसा शब्द है जो हमारी संस्कृति में बहुत पुराना है। इसका मतलब होता है वो सारी चीजें जो महिला को उसके माता-पिता, रिश्तेदारों, या पति के घरवालों से शादी के वक्त, बाद में या किसी खास मौके पर मिली हों। जैसे गहने, कपड़े, कैश, जमीन-जायदाद या बैंक बैलेंस। इसमें महिला की खुद की कमाई और सेविंग्स भी आती है।
अब यह सारी संपत्ति पूरी तरह से महिला की अपनी होती है। इसे पत्नी की निजी संपत्ति माना जाता है। उस पर पति, सास-ससुर या किसी और का कोई हक नहीं बनता।
सुप्रीम कोर्ट का सख्त फैसला क्या कहता है?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर पति के पास पत्नी का Stridhan है और वो उसे वापस नहीं करता, तो ये ‘आपराधिक विश्वासघात’ माना जाएगा। यानी ये सिर्फ नैतिक गलती नहीं, बल्कि कानूनन जुर्म है।
IPC की धारा 405 और 406 के तहत क्या हो सकता है?
- अगर कोई किसी की संपत्ति को गलत तरीके से अपने पास रखता है या वापस देने से मना करता है, तो वो “क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट” कहलाता है।
- इसके लिए 3 साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
यानी अगर किसी पति ने पत्नी के गहने या पैसे रख लिए हैं और लौटाने से मना कर रहा है, तो वो जेल तक जा सकता है।
पत्नी की कमाई पर किसका हक है?
ये भी एक बड़ा सवाल है। कई लोग सोचते हैं कि शादी के बाद पति और पत्नी की कमाई एक हो जाती है। लेकिन कानून कहता है कि पत्नी जो भी कमा रही है — चाहे नौकरी से हो, बिजनेस से या किसी भी और तरीके से — वो उसकी अपनी कमाई है। उस पर सिर्फ उसका अधिकार है। अगर पत्नी अपनी मर्जी से चाहे तो घर खर्च में मदद कर सकती है, लेकिन यह उसकी इच्छा पर निर्भर करता है — जबरदस्ती नहीं की जा सकती।
अगर पति जबरन कंट्रोल करता है पत्नी की कमाई को?
तो ये घरेलू हिंसा (Domestic Violence) के तहत आता है। पत्नी इसके खिलाफ शिकायत कर सकती है और कानूनी कार्रवाई भी संभव है। मानसिक उत्पीड़न, आर्थिक शोषण – सब इसमें शामिल है।
बैंक बैलेंस और जॉइंट अकाउंट का क्या मामला है?
अगर बैंक अकाउंट सिर्फ पत्नी के नाम पर है, तो उसमें रखा पैसा सिर्फ उसी का माना जाएगा। अब अगर जॉइंट अकाउंट है, तो उसमें दोनों का अधिकार होता है। लेकिन अगर पैसा सिर्फ पत्नी की कमाई से जमा हुआ है और पति जबरन उसका इस्तेमाल कर रहा है, तो पत्नी कोर्ट जा सकती है।
महिलाओं के हक के लिए बनाए गए कानून कौन-कौन से हैं?
हक | कानून |
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स्त्रीधन की सुरक्षा | हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 14 |
घरेलू हिंसा से सुरक्षा | घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 |
विश्वासघात पर कार्रवाई | IPC की धारा 405 और 406 |
उत्पीड़न पर केस | IPC की धारा 498A |
अगर पति गहने या पैसा न लौटाए तो क्या करें?
- सबसे पहले नजदीकी थाने में जाकर शिकायत दर्ज करें। IPC 406 और 498A के तहत केस बनता है।
- राज्य महिला आयोग या नेशनल महिला आयोग से संपर्क करें।
- फैमिली कोर्ट में केस फाइल करें और Stridhan वापसी की मांग करें।
- डोमेस्टिक वॉयलेंस एक्ट के तहत आर्थिक उत्पीड़न का केस भी डाला जा सकता है।
अब सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि शादी के बाद भी पत्नी की कमाई, गहने और बैंक बैलेंस सिर्फ उसी की मिल्कियत हैं। पति या उसके परिवार वालों का उन पर कोई हक नहीं बनता। अगर जबरदस्ती की जाती है या संपत्ति नहीं लौटाई जाती, तो महिला कानून का सहारा लेकर न्याय पा सकती है।