7 Retirement Schemes – हर किसी की ख्वाहिश होती है कि रिटायरमेंट के बाद उनकी जिंदगी आराम से और बिना किसी आर्थिक तनाव के कटे। यही वजह है कि रिटायरमेंट प्लानिंग आज के समय में बहुत जरूरी हो गई है। अगर आप भी चाहते हैं कि बुढ़ापे में आपकी जेब खाली न हो और हर साल करीब 1.5 लाख रुपये तक की कमाई होती रहे, तो भारत सरकार और कुछ निजी संस्थाओं की कुछ शानदार योजनाएं आपके लिए मददगार साबित हो सकती हैं।
यहां हम बात कर रहे हैं 7 ऐसी रिटायरमेंट स्कीम्स की, जिनमें निवेश करके आप सुरक्षित भविष्य की नींव रख सकते हैं और हर साल अच्छी कमाई भी कर सकते हैं।
1. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
PPF एक लंबी अवधि की निवेश योजना है जो आपकी जमा पूंजी पर गारंटीड रिटर्न देती है। इसमें ब्याज दर भी अच्छी मिलती है और टैक्स छूट भी। इसका लॉक-इन पीरियड 15 साल का होता है, लेकिन इसमें निवेश की गई रकम पूरी तरह सुरक्षित रहती है। रिटायरमेंट के समय अच्छा खासा फंड तैयार हो जाता है।
फायदा: टैक्स फ्री रिटर्न और पूरी पूंजी सुरक्षित
2. नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)
NPS एक सरकारी योजना है जिसमें आप काम करते वक्त थोड़ी-थोड़ी रकम निवेश करते हैं और रिटायरमेंट के बाद हर महीने पेंशन पाते हैं। इसमें आपको फिक्स रिटर्न नहीं मिलता, क्योंकि पैसा बाजार में लगाया जाता है, लेकिन लंबे समय में बेहतर रिटर्न की उम्मीद रहती है।
फायदा: मासिक पेंशन और इनकम टैक्स में छूट भी मिलती है
3. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)
60 साल या उससे ऊपर के लोगों के लिए यह एकदम सही स्कीम है। इसमें आप एकमुश्त पैसा जमा कर सकते हैं और उस पर हर तिमाही ब्याज मिल जाता है। इसकी ब्याज दर बाकी बचत योजनाओं से ज्यादा होती है और इसकी अवधि 5 साल की होती है।
फायदा: रिटायर लोगों के लिए नियमित इनकम का भरोसेमंद जरिया
4. प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY)
यह योजना भी वरिष्ठ नागरिकों के लिए है, जिसे एलआईसी चलाती है। इसमें आप एकमुश्त निवेश करते हैं और फिर 10 साल तक हर महीने तय पेंशन मिलती है। यह पेंशन सरकार द्वारा तय ब्याज दर पर मिलती है और पूरी तरह सुरक्षित रहती है।
फायदा: बिना जोखिम के पेंशन और पूंजी की सुरक्षा
5. यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान्स (ULIPs)
अगर आप रिटायरमेंट के साथ-साथ बीमा कवर भी चाहते हैं, तो ULIP एक बेहतर विकल्प हो सकता है। यह निवेश और बीमा दोनों का कॉम्बिनेशन है। इसमें आपका पैसा शेयर मार्केट में लगाया जाता है, इसलिए रिटर्न भी बाजार पर आधारित होते हैं।
फायदा: बीमा भी और बाजार से जुड़ी अच्छी कमाई भी
रिटायरमेंट प्लान चुनते समय किन बातों का ध्यान रखें?
- अपने खर्चों का हिसाब लगाएं: सोचें कि रिटायरमेंट के बाद आपकी हर महीने की जरूरत कितनी होगी।
- जोखिम उठाने की क्षमता देखें: अगर आप जोखिम नहीं लेना चाहते, तो फिक्स रिटर्न वाली योजनाएं चुनें।
- टैक्स बचत पर ध्यान दें: कुछ स्कीम्स में टैक्स छूट मिलती है, जो रिटायरमेंट के लिए फायदेमंद होती हैं।
- लॉक-इन अवधि समझें: कई स्कीम्स में पैसे को एक निश्चित समय तक नहीं निकाला जा सकता, इसे समझकर ही निवेश करें।
कुछ नुकसान भी जानना जरूरी है
रिटायरमेंट स्कीम्स में कई फायदे तो हैं ही, लेकिन इनके कुछ नुकसान भी हैं:
- PPF और SCSS जैसी योजनाओं में पैसा लंबे समय तक लॉक रहता है।
- ULIP और NPS जैसी योजनाएं बाजार आधारित होती हैं, जिनमें उतार-चढ़ाव का खतरा रहता है।
- समय से पहले पैसा निकालने पर कुछ योजनाओं में पेनल्टी लगती है।
- कई बार योजना की शर्तें थोड़ी जटिल हो सकती हैं, जिससे समझने में परेशानी हो सकती है।
निवेश कैसे और कहां करें?
- PPF और SCSS में आप बैंक या पोस्ट ऑफिस से जुड़ सकते हैं।
- NPS के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन या नजदीकी प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस पर जाकर खाता खुलवाया जा सकता है।
- PMVVY में निवेश के लिए एलआईसी शाखा से संपर्क करें।
- ULIP के लिए किसी भी बीमा कंपनी की वेबसाइट या एजेंट से संपर्क किया जा सकता है।
रिटायरमेंट कोई डर की बात नहीं है, अगर आपने समय रहते सही योजना चुनी हो। ऊपर बताई गई सात योजनाएं आपको रिटायरमेंट के बाद हर साल करीब 1.5 लाख रुपये तक की आय दे सकती हैं। जरूरी है कि आप अपनी जरूरतों और जोखिम की क्षमता के हिसाब से सही प्लान चुनें। आज किया गया सही निवेश कल आपके चेहरे पर मुस्कान बनकर लौटेगा।