Land Registry New Rules – अगर आपने हाल ही में कोई ज़मीन खरीदी है या खरीदने की सोच रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। सरकार ने ज़मीन की रजिस्ट्री को लेकर साल 2025 में बड़े बदलाव कर दिए हैं। अब ये काम पहले से बिल्कुल अलग हो गया है। अब न तो सब रजिस्ट्रार ऑफिस के लंबे चक्कर लगेंगे, न ही रजिस्ट्री में किसी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त की जाएगी। यानी अगर दस्तावेज़ फर्जी निकले या कोई भी कागज़ ठीक से जमा नहीं हुआ, तो आपकी रजिस्ट्री सीधी रद्द हो सकती है।
अब रजिस्ट्री रद्द क्यों होगी?
अब सरकार साफ कह चुकी है कि रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी हो गई है। यानी जो भी खरीदार, विक्रेता या ज़मीन मालिक गलत जानकारी या फर्जी डॉक्युमेंट लेकर आएगा, उसकी रजिस्ट्री कभी भी रद्द हो सकती है। कुछ आम वजहें ये हैं:
- अगर कोई ज़मीन फर्जी दस्तावेज़ों पर रजिस्टर्ड की गई हो।
- नाबालिग या मानसिक रूप से अक्षम व्यक्ति ने ज़मीन बेच दी हो।
- मालिकाना हक क्लियर न हो यानी जो बेच रहा है वो असली मालिक ही न हो।
- रजिस्ट्री किसी दबाव, डर या धोखे में कराई गई हो।
- ज़मीन किसी कानूनी विवाद में फंसी हो।
रजिस्ट्री रद्द कैसे होगी?
अब इसकी प्रक्रिया भी पूरी डिजिटल कर दी गई है। आपको ऑनलाइन एक एप्लिकेशन भरनी होगी, फिर ज़रूरी डॉक्युमेंट जमा करने होंगे। इन दस्तावेज़ों में शामिल हैं:
- ज़मीन के कागज
- बिक्री पत्र यानी सेल डीड
- पहचान पत्र जैसे आधार, वोटर ID
- आपत्ति पत्र (अगर कोई विवाद हो)
- पासपोर्ट साइज फोटो और निवास प्रमाण पत्र
अगर केस सीधा है तो ऑनलाइन ही रजिस्ट्री रद्द हो जाएगी, लेकिन अगर मामला थोड़ा उलझा हुआ है, तो कोर्ट में जाना पड़ेगा। वहां जांच होगी और अगर कोर्ट को मामला सही लगे, तो रजिस्ट्री कैंसिल कर दी जाएगी।
नए नियमों की खास बातें
सरकार ने सिर्फ कैंसिलेशन नहीं, बल्कि पूरी रजिस्ट्री प्रक्रिया को बदल दिया है:
- डिजिटल रजिस्ट्रेशन: अब आप घर बैठे रजिस्ट्री करवा सकते हैं, ऑनलाइन डॉक्युमेंट सबमिट करिए, डिजिटल सिग्नेचर से काम हो जाएगा।
- आधार और पैन जरूरी: अब हर रजिस्ट्री में आधार और पैन लिंक करना अनिवार्य है।
- वीडियो रिकॉर्डिंग: रजिस्ट्री के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग होगी ताकि बाद में कोई इनकार न कर सके।
- ऑनलाइन फीस पेमेंट: अब फीस भी ऑनलाइन ही जमा होगी, कैश का झंझट खत्म।
- ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी: अब डेटा एकदम सुरक्षित रहेगा, कोई छेड़छाड़ नहीं हो सकती।
रजिस्ट्री रद्द होने के नुकसान
अगर आपकी रजिस्ट्री रद्द हो गई, तो समझ लीजिए बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है:
- ज़मीन का मालिकाना हक खत्म हो जाएगा।
- खरीदार और विक्रेता दोनों का पैसा फंस सकता है।
- कानूनी केस, कोर्ट की चक्कर और वक़ील की फीस अलग।
- भविष्य में बैंक लोन जैसी सुविधाएं मिलनी मुश्किल हो जाएंगी।
कब और कैसे कराएं रजिस्ट्री कैंसिल?
- रजिस्ट्री होने के 90 दिन के अंदर आप कैंसिलेशन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- अगर दोनों पक्ष (खरीदार और विक्रेता) सहमत हैं, तो ये काम बिना कोर्ट के भी हो सकता है।
- अगर विवाद है, तो कोर्ट के ज़रिए रद्द करवाना पड़ेगा।
गांवों में क्या बदला?
गांवों के लोगों के लिए भी रजिस्ट्री अब आसान कर दी गई है। अब लीज पर दी गई ज़मीन का भी रजिस्ट्रेशन आसान हुआ है। इससे ग्रामीण परिवारों को न सिर्फ कानूनी सुरक्षा मिलेगी बल्कि बैंक से लोन लेने में भी आसानी होगी।
बचाव कैसे करें?
- ज़मीन खरीदने से पहले हर कागज़ की दो बार जांच कर लें।
- रजिस्ट्री के वक्त सब जानकारी सही-सही भरें।
- कभी भी फर्जी दस्तावेज़ इस्तेमाल न करें।
- कुछ भी समझ में न आए तो किसी वकील से सलाह जरूर लें।
सरकार ने रजिस्ट्री की दुनिया को अब पूरी तरह से बदल दिया है। पारदर्शिता, सुरक्षा और डिजिटल प्रक्रिया के ज़रिए अब जमीन की खरीद-फरोख्त और आसान और सुरक्षित हो गई है। लेकिन हां, गलती या धोखाधड़ी के चक्कर में पड़े तो रजिस्ट्री रद्द होने में एक पल नहीं लगेगा। इसीलिए सतर्क रहें, सही जानकारी जुटाएं और नियमों का पालन करें।