NEET Low Rank MBBS Options – हर साल लाखों स्टूडेंट्स NEET की परीक्षा में बैठते हैं ताकि वो MBBS जैसे ड्रीम कोर्स में एडमिशन पा सकें। लेकिन सच्चाई ये है कि सीटें बहुत कम होती हैं और कॉम्पिटिशन बहुत ज्यादा। ऐसे में बहुत से होनहार स्टूडेंट्स NEET में कम रैंक आने की वजह से मायूस हो जाते हैं और सोचते हैं कि अब डॉक्टर बनने का सपना अधूरा रह जाएगा। लेकिन अब ऐसा बिल्कुल नहीं है। अगर आपमें मेहनत करने का जज्बा है, तो आप अमेरिका जैसे देश से डॉक्टर बन सकते हैं।
जी हां, अमेरिका की यूनिवर्सिटीज में आप MBBS के समकक्ष MD कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं, और यह कोर्स न केवल आपको ग्लोबल एक्सपोजर देगा, बल्कि आपको एक बेहतर डॉक्टर भी बनाएगा।
भारत और अमेरिका की मेडिकल पढ़ाई में क्या फर्क है?
भारत में MBBS के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी लेकर NEET देना पड़ता है। अगर रैंक अच्छी आई तो सरकारी या प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन मिल सकता है। वहीं, अमेरिका में 12वीं के बाद सीधे मेडिकल की पढ़ाई शुरू नहीं होती।
वहां पहले एक चार साल की अंडरग्रेजुएट डिग्री करनी होती है, जिसे प्री-मेड कहा जाता है। इसमें बायोलॉजी, फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ्स जैसे सब्जेक्ट्स होते हैं। इसके बाद MCAT नाम की एक एंट्रेंस एग्जाम पास करनी होती है, तभी मेडिकल स्कूल में दाखिला मिलता है।
अमेरिका में MBBS नहीं बल्कि MD कोर्स होता है
अमेरिका में MBBS जैसा कोर्स MD यानी डॉक्टर ऑफ मेडिसिन के नाम से जाना जाता है। यह चार साल का होता है और उसके बाद एक रेजिडेंसी प्रोग्राम करना पड़ता है, जिसमें आप किसी स्पेशलाइजेशन जैसे सर्जरी, मेडिसिन या गायनोकोलॉजी में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग लेते हैं।
MCAT क्या है और क्यों जरूरी है?
MCAT यानी मेडिकल कॉलेज एडमिशन टेस्ट एक स्टैंडर्ड एंट्रेंस एग्जाम है जिसे पास करना जरूरी होता है। इसमें बायोलॉजिकल साइंस, फिजिकल साइंस, क्रिटिकल थिंकिंग और एनालिटिकल स्किल्स को चेक किया जाता है। जितना अच्छा स्कोर होगा, उतने ही अच्छे मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिलेगा।
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अमेरिका के टॉप मेडिकल कॉलेज कौन से हैं?
अगर आप अमेरिका में डॉक्टर बनने का सपना देख रहे हैं, तो नीचे कुछ बेस्ट यूनिवर्सिटीज हैं जहां से आप MD कर सकते हैं:
- हार्वर्ड यूनिवर्सिटी – दुनियाभर में नंबर वन मानी जाती है मेडिकल एजुकेशन के लिए
- जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी – मेडिकल रिसर्च और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग में माहिर
- स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी – टेक्नोलॉजी और हेल्थ इनोवेशन के लिए फेमस
- येल यूनिवर्सिटी – रिसर्च फोकस्ड यूनिवर्सिटी
- यूसीएलए – क्लीनिकल एक्सपीरियंस और रिसर्च दोनों में जबरदस्त
- कोलंबिया यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन, यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन – ये सभी भी बेहतरीन विकल्प हैं
अमेरिका में मेडिकल की पढ़ाई के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?
- चार साल की अंडरग्रेजुएट डिग्री (प्री-मेड स्ट्रीम)
- MCAT का अच्छा स्कोर
- अंग्रेजी भाषा की दक्षता (TOEFL या IELTS स्कोर)
- दो से तीन सिफारिशी पत्र यानी लेटर्स ऑफ रिकमेंडेशन
- एक स्टेटमेंट ऑफ पर्पस (SOP) जिसमें आप अपनी पढ़ाई और करियर का मकसद बताते हैं
- कुछ कॉलेज पर्सनल इंटरव्यू भी लेते हैं
भारत से अमेरिका जाकर पढ़ाई करने के फायदे
- इंटरनेशनल क्वालिटी की मेडिकल एजुकेशन
- रिसर्च और प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस का भरपूर मौका
- ग्लोबल लेवल पर करियर के अवसर
- अमेरिका के अलावा बाकी देशों में भी डॉक्टर के रूप में मान्यता
- अच्छी सैलरी और मेडिकल सेक्टर में ग्रोथ की बहुत संभावनाएं
ध्यान रखने वाली बातें
- अमेरिका में पढ़ाई का खर्च भारत की तुलना में ज्यादा होता है। लेकिन आप स्कॉलरशिप, एजुकेशन लोन और पार्ट-टाइम वर्क के जरिए इस खर्च को मैनेज कर सकते हैं।
- पढ़ाई पूरी करने के बाद आपको USMLE पास करना होगा ताकि आप अमेरिका में डॉक्टर की प्रैक्टिस कर सकें। इसके लिए ECFMG सर्टिफिकेशन भी जरूरी है।
अगर आपके NEET में रैंक कम आई है तो हार मानने की जरूरत नहीं है। मेडिकल की दुनिया सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है। अमेरिका जैसे देश में MD कोर्स करके भी आप डॉक्टर बन सकते हैं। हां, इसके लिए मेहनत, सही जानकारी और एक मजबूत प्लानिंग जरूरी है।
तो अब मायूस होने की जगह आप अपने सपनों को नई उड़ान दीजिए और अमेरिका के टॉप मेडिकल कॉलेजों की ओर कदम बढ़ाइए। डॉक्टर बनने का सपना अभी भी जिंदा है, बस आपको रास्ता बदलना है, मंजिल नहीं।