Govt Employees Allowance – अगर आप केंद्रीय सरकारी कर्मचारी हैं या जल्द ही सरकारी नौकरी जॉइन करने वाले हैं, तो यह खबर आपके लिए काफी अहम है। जुलाई 2025 से केंद्र सरकार ने ड्रेस भत्ते को लेकर एक नया नियम लागू करने जा रही है, जिससे लाखों कर्मचारियों की जेब पर सीधा असर पड़ सकता है। खास बात ये है कि यह नियम फिलहाल सिर्फ नए भर्ती होने वाले कर्मचारियों पर लागू होगा, लेकिन इसके संकेत बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रहे हैं।
क्या होता है ड्रेस भत्ता?
सरकारी नौकरी में कई पद ऐसे होते हैं, जहां ड्यूटी के दौरान यूनिफॉर्म पहनना जरूरी होता है। जैसे पुलिस, सेना, नर्सिंग स्टाफ, रेलवे, कस्टम और कई अन्य विभाग। इन कर्मचारियों को वर्दी, जूते और रख-रखाव आदि के लिए हर साल एक तय राशि दी जाती है, जिसे ड्रेस भत्ता कहा जाता है। ये राशि सीधे उनके अकाउंट में जाती है।
अभी कितना मिलता है ड्रेस भत्ता?
वर्तमान में ड्रेस भत्ते की रकम पद के अनुसार अलग-अलग है:
- सेना, वायुसेना, नौसेना, अर्धसैनिक बल – सालाना ₹20,000 तक
- पुलिस, नर्सिंग, सीमा शुल्क विभाग – सालाना ₹10,000
- रेलवे स्टेशन मास्टर, कैंटीन स्टाफ आदि – सालाना ₹5,000
ये रकम अभी तक एक बार में पूरे साल के लिए मिलती रही है। लेकिन अब इसमें बदलाव होने वाला है।
नए नियम क्या कह रहे हैं?
सरकार ने ड्रेस भत्ते की गणना का नया तरीका लागू करने की तैयारी कर ली है, जो जुलाई 2025 के बाद भर्ती होने वाले नए कर्मचारियों पर लागू होगा। अब जो लोग साल के बीच में नौकरी जॉइन करेंगे, उन्हें पूरे साल का भत्ता नहीं मिलेगा। उन्हें सिर्फ उतने महीनों का ही भत्ता मिलेगा, जितने महीने उनकी सेवा जुलाई से अगले जून तक रहती है।
उदाहरण से समझिए:
अगर किसी ने अक्टूबर में नौकरी शुरू की, तो उसे सिर्फ अक्टूबर से जून यानी 9 महीने का ही भत्ता मिलेगा।
- 20,000 के हिसाब से उसे सिर्फ 15,000 रुपये
- 10,000 के हिसाब से 7,500 रुपये
- 5,000 के हिसाब से 3,750 रुपये ही मिलेंगे
इससे कर्मचारियों की वार्षिक आय में सीधी कटौती होगी।
रिटायरमेंट पर क्या असर पड़ेगा?
जो लोग दिसंबर के बाद रिटायर होते हैं, उन्हें अभी तक पूरा साल का ड्रेस भत्ता मिल जाता है। लेकिन जो कर्मचारी जुलाई से दिसंबर के बीच रिटायर होते हैं, उन्हें सिर्फ आधे साल का भत्ता दिया जाता है। जुलाई 2025 के बाद रिटायर होने वाले कर्मचारियों पर ये नियम लागू होंगे या नहीं, इसको लेकर अभी स्पष्टता नहीं है। वित्त मंत्रालय से इस पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
पुराने कर्मचारियों को घबराने की जरूरत?
फिलहाल नहीं। यह नया नियम सिर्फ नए भर्ती कर्मचारियों पर लागू होगा, यानी जो जुलाई 2025 के बाद नौकरी शुरू करेंगे। अभी काम कर रहे कर्मचारियों को पहले की तरह ही पूरा ड्रेस भत्ता मिलता रहेगा। लेकिन भविष्य में अगर यह नियम सभी पर लागू हो गया तो बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
कर्मचारी संगठन क्या कह रहे हैं?
कई कर्मचारी यूनियन इस फैसले का विरोध कर रही हैं। उनका कहना है कि जब सरकार से 8वें वेतन आयोग की मांग की जा रही है और महंगाई हर दिन बढ़ रही है, ऐसे समय में भत्तों में कटौती करना सही नहीं है।
उनका कहना है कि वर्दी और उससे जुड़े सामान की कीमतें भी बढ़ गई हैं, ऐसे में कटौती करना कर्मचारियों के लिए अनुचित है। यूनियन ने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है और आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
असली चिंता क्या है?
अब कर्मचारी इस डर में हैं कि सरकार ड्रेस भत्ते के बाद अन्य भत्तों में भी कटौती ना कर दे। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि यह शुरुआत हो सकती है और आने वाले समय में ट्रांसपोर्ट, हाउस रेंट, मेडिकल जैसे भत्तों पर भी असर पड़ सकता है।
क्या ये कदम सही है?
सरकार का मानना है कि इस कदम से खर्च में कटौती होगी और वित्तीय अनुशासन बना रहेगा। लेकिन कर्मचारियों को लग रहा है कि इसका सारा बोझ उन पर डाला जा रहा है। 8वें वेतन आयोग में हो रही देरी, महंगाई और अब ड्रेस भत्ता कटौती – ये सब मिलकर कर्मचारियों का मनोबल गिरा रहे हैं।
अगर आप भी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं या जुलाई 2025 के बाद नौकरी शुरू करने वाले हैं, तो इन नए नियमों को ध्यान में रखें। भले ही यह नियम फिलहाल सीमित दायरे में लागू हो रहा हो, लेकिन भविष्य में बड़े बदलाव की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में हर अपडेट पर नजर रखें और जरूरी हो तो यूनियन से जुड़कर अपनी आवाज़ उठाएं।