8th Pay Commission Implementation – सरकारी नौकरी करने वालों के लिए सैलरी में बढ़ोतरी हमेशा से बड़ी खबर रही है और अब सबकी नजरें लगी हैं 8वें वेतन आयोग पर। लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इस आयोग का बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि इससे उनकी सैलरी, भत्ते और पेंशन में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है। लेकिन अब तक सरकार की तरफ से कोई ठोस एलान नहीं हुआ है, जिससे कर्मचारियों में बेचैनी भी बढ़ रही है।
कब लागू हो सकता है नया वेतन आयोग?
सरकारी रिवाज के मुताबिक हर दस साल में एक नया वेतन आयोग बनता है। 7वां वेतन आयोग जनवरी 2016 से लागू हुआ था, और उसी हिसाब से देखा जाए तो अगला यानी 8वां वेतन आयोग जनवरी 2026 से लागू होना चाहिए। लेकिन फिलहाल सरकार ने अभी तक न तो इसका गठन किया है और न ही कोई टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) तय किए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अगर जून 2025 तक भी आयोग नहीं बनता है, तो 2026 से लागू होना मुश्किल है। 7वें वेतन आयोग में भी दो साल का वक्त लगा था, तो ऐसा लग रहा है कि अगर जल्द ही काम शुरू नहीं हुआ, तो कर्मचारियों को और इंतजार करना पड़ सकता है।
सरकार की तरफ से देरी क्यों?
सरकार की चुप्पी के पीछे कई कारण हो सकते हैं। सबसे बड़ा कारण तो देश की आर्थिक स्थिति मानी जा रही है। वेतन आयोग लागू करने में हजारों करोड़ का खर्च आता है और चुनावी सालों में सरकारें कुछ फैसलों को लेकर सतर्क रहती हैं। यही वजह है कि 8वें वेतन आयोग को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
क्या होता है फिटमेंट फैक्टर और क्या हो सकती है बढ़ोतरी?
जब भी कोई नया वेतन आयोग आता है, तो उसमें एक फिटमेंट फैक्टर तय होता है जिसके आधार पर सैलरी बढ़ती है। 7वें वेतन आयोग में ये फैक्टर 2.57 था, यानी जो भी बेसिक सैलरी थी, उसे 2.57 से गुणा करके नई सैलरी तय की गई थी।
अब 8वें वेतन आयोग को लेकर जो चर्चाएं चल रही हैं, उनमें कहा जा रहा है कि नया फिटमेंट फैक्टर 2.5 से 2.8 के बीच हो सकता है। अगर ऐसा होता है, तो कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में अच्छी खासी बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि ये अभी केवल अनुमान हैं, असली फैसला वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद ही होगा।
सिर्फ सैलरी नहीं, भत्तों में भी होगा बदलाव
वेतन आयोग केवल सैलरी बढ़ाने तक सीमित नहीं होता। मकान किराया भत्ता (HRA), यात्रा भत्ता (TA), मेडिकल भत्ता और दूसरे अलाउंस में भी बदलाव आता है। इस बार भी उम्मीद है कि महंगाई और खर्च को ध्यान में रखते हुए सरकार भत्तों में भी इजाफा करेगी। कर्मचारी यूनियन भी यही मांग कर रही हैं कि सैलरी बढ़ाने के साथ-साथ भत्तों में भी बड़ा सुधार हो।
क्या कहते हैं कर्मचारी और यूनियन?
कर्मचारी संगठन लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि जल्द से जल्द आयोग का गठन हो ताकि सिफारिशें समय पर आ सकें। वे बार-बार ज्ञापन दे रहे हैं, मीटिंग कर रहे हैं और प्रदर्शन भी कर चुके हैं। इनका कहना है कि बढ़ती महंगाई के बीच अब और इंतजार नहीं किया जा सकता।
पेंशनभोगी भी इस पर नजर बनाए हुए हैं, क्योंकि वेतन आयोग की सिफारिशें उनकी पेंशन पर भी असर डालती हैं। ऐसे में रिटायर्ड कर्मचारियों को भी उम्मीद है कि कुछ बेहतर फैसला जल्द लिया जाएगा।
क्या 2027 तक बढ़ सकता है इंतजार?
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अभी तक कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है, तो फिर 2026 से लागू होने की उम्मीद कम ही है। आयोग का गठन, टर्म्स तय करना, स्टेकहोल्डर्स से सुझाव लेना और फिर रिपोर्ट तैयार करके उसे लागू करना – ये सब मिलाकर कम से कम 18 से 24 महीने लगते हैं। इसलिए अब उम्मीद यही है कि 8वां वेतन आयोग 2027 के शुरुआत तक ही लागू हो पाएगा।
कर्मचारियों के लिए क्या है रास्ता?
इस पूरी स्थिति में सरकारी कर्मचारियों के पास यही विकल्प है कि वे अपनी आवाज बुलंद रखें और सरकार पर दबाव बनाए रखें। समय पर वेतन आयोग लागू करना केवल कर्मचारियों के हक की बात नहीं, बल्कि इससे प्रशासन की गुणवत्ता और कार्यक्षमता पर भी असर पड़ता है। एक संतुष्ट कर्मचारी ही बेहतर काम कर सकता है।
सरकार को भी समझना चाहिए कि लाखों परिवार इस फैसले पर निर्भर हैं। सैलरी में बढ़ोतरी उनके जीवन स्तर, बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य और भविष्य की योजनाओं से जुड़ी है।
8वां वेतन आयोग करोड़ों लोगों की उम्मीदों से जुड़ा हुआ है। हालांकि अभी सरकार की तरफ से कोई एलान नहीं हुआ है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि आने वाले महीनों में कोई अच्छी खबर जरूर मिलेगी। तब तक के लिए कर्मचारियों को थोड़ा धैर्य रखना होगा, लेकिन साथ ही अपनी आवाज उठाते रहनी होगी।